होली आई होली आई
रंग बिखेरती होली आई
पानी का अलबेलापन
हैरानी का हर दर्पण
छैल – छबीली
होली लाई
करती अटखेली
होली आई
फूलों की बौछार लिए
खुशबु की दरकार लिए
सपनों के आसार लिए
उम्मीदों के हार लिए
गुड़िया सी मुस्काती हुई
चंचल कोयल सी गाती हुई
हर पल में.. खुशियों की
ठंडी हवा और
रंग – बिरंगी बूँदें लिए
होली आई होली आई
रंग बिखेरती होली आई
होली आई
