मन की बातों में जीवित है।
ये जज़बातों में जीवित है।
हिंदी केवल व्यवहार नहीं।
ये भूले बिसरे गीतों में,
ये खोये हुए मन मीतों में,
ये मधुशाला के प्यालों में,
ये सपनों में ख्यालों में,
शहादत को गए मतवालों में,
दुर्गों पे खड़े रखवालों में,
हिंदी केवल व्यवहार नहीं,
इकलौता सा विचार नहीं,
ये वैविधता की संधि है।
ये भाष्यविदों की सुक्ति है,
क्लेश-विच्छेदन युक्ति है.
भावावेगों_ की अभिव्यक्ति है,
अभिव्यक्ति की_ निष्पत्ति है,
ये आत्मीयता की_ भक्ति है,
ये भाषाओँ की शक्ति है।
हिंदी केवल व्यवहार नहीं_
अर्थ to understand:
वैविधता- Diversity, संधि- Treaty, भाष्यविदों- Linguists, क्लेश-विच्छेदन- solution of discord, सुक्ति- Blessing, भावावेगों- Overwhelming Emotions, अभिव्यक्ति- Expression, निष्पत्ति- Accomplishment